School Love Story (वो मुलाकात): Love Story | Love Story in Hindi
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School Love Story in Hindi: वो मुलाकात आज भी गुदगुदा देती है : दोस्तों हमेशा हम लोग किसी न किसी अजनबी से मिलते रहते है। जिंदगी में कई बार हम कई ऐसे लोगो से मिलते हैं जी हमेशा के लिए हमारी जिंदिगी का हिस्सा बन जाते है। ऐसे ही एक कहानी हम यहाँ शेयर कर रहे है तो अन्त तक इस School Love Story को जरूर पढ़िए।
मेरा नाम हर्षवर्धन है आज मैं मेरी एक सच्ची लव स्टोरी (school love story) आपके साथ शेयर कर रहा हूँ! इंटर कॉलेज खालिसपुर में 11th में ऐडमिशन हुए मुझे 1 हफ्ते हो चुके थे! एक दिन मैं कॉलेज जल्दी पहुंच गया था तो यूं ही बालकोनी में टेक लगाए इधर उधर देख रहा था! मैं बस से उतरते छोटे बच्चों को मैं बस से उतरते छोटे बच्चों को देखने लगा उस बस में मेरे क्लास के कुछ लड़के दोस्त भी आते थे! यह भी पढ़िए : स्कूल के दिनों का प्यार का अहसास
बच्चे उतर चुके थे मैं बस के गेट पर ही टकटकी लगाये था, फिर जो हुआ उसे…. बयां नहीं किया जा सकता, एक खूबसूरत लड़की पता नहीं कौन स्कूल ड्रेस (नीली ड्रेस) पहने उतरी.. मैं थोड़ा सावधान हुआ उसे देखने के लिए बालकोनी के पर गया! “गेट से बस काफी दूर रुकती थी! वह गेट की ओर आ रही थी बदलियां छाई थी और ठंडी हवाएं चल रही थी और मैं उस हवा में उड़ रहा था!
पहली नजर में ही उसे देखने के बाद मन में फिल्मी कल्पनाएं करने लगा! जैसे नायिका आती है जैसे नायिका आती है और उसके हर कदम हवाओं के झरोखे लाते और नायक आंखें बंद किए उसे महसूस करता है! लगभग ऐसी ही स्थिति थी लगभग ऐसी ही स्थिति थी मेरी वह आने की स्कूल में प्रवेश कर चुकी थी! मैं जल्दी से नीचे भागा मैं जल्दी से नीचे भागा यह देखने के लिए कि आखिर वह किस क्लास में जाती है! मेरी नीचे पहुंचते ही वह ऑफिस में प्रवेश कर गई प्रार्थना की घंटी बजी! आज मेरा दिमाग कहीं और ही था!
दोस्तों ने कहा था जो लड़की दूर से अच्छी दिखती है वह पास से होती नहीं है बे..
मैंने सोचा उसे प्रार्थना के बाद उसे नजदीक से देख देखूंगा लेकिन अभी यह निश्चित नहीं था कि वह किस क्लास में बैठती है!
प्रार्थना खत्म होने के बाद हम क्लास में आ गए क्योंकि वहां तीन पंक्तियों में बेंच लगे थे फिर भी मैं लास्ट बेंच स्टूडेंट था! क्लास में लड़कियों की लाइन आनी शुरू क्लास में लड़कियों की लाइन आनी शुरू हो गई और फिर मैं जैसे खुशी से पागल हो गया, आंखें फैल गई जब मैं उसे उस लाइन में देखा!
लंबे खुले बाल, खूबसूरत आंखें गेहूंवा रंग वाकई खूबसूरत..💃 लग रही थी!
वह बैठी जिस हिसाब से हम दोनों बैठे थे हमी में सबसे ज्यादा दूरी थी!
वह पहली बेंच की पहली लाइन पर मैं तीसरी की आखिरी बेंच पे,
मैं उठा और उसे नजदीक से देखने के लिए बोतल लिए आगे गया, वह सर झुकाए बैग में हाथ डाले कुछ निकाल रही थी!
वह वाकई खूबसूरती..थी बहुत.. 💃.. खूबसूरत!
उसे एक नजर देख कर बोतल में पानी भरने नीचे चला गया!
मुझे ऐसा महसूस हो रहा था मानो मुझे कोई सपनों की रानी मिली गई!
पानी भरकर क्लास रूम में आया! अपने क्लास टीचर आ गए थे!
उसका नाम पता चलने वाला था फिर भी मैं उसको गैस किए जा रहा था…., पूजा?, हम्म! नहीं, रानी? हो सकता है!
या फिर धँनों…. बस इतना फर्जी नाम हा हा हा! इन्हीं कल्पना में खोया था तब तक अटेंडेंस हो गया!
सुमन प्रजेंट.. सर, सुमन.. हाँ यही नाम था कितनी मीठी आवाज थी उसकी!
दिमाग में सुमन नाम को लेकर तोड़ने फोड़ने लगा, सुमन छुं ..ऐसा ही कुछ, आज दिमाग पता नहीं क्यों बचपना हरकत कर रहा था!
हालांकि क्लास में बहुत से स्मार्ट लड़के थे लेकिन मैं तो थोड़ा भी नहीं!
यह भी पता था आधा क्लास उसी के पीछे पड़ने वाला है फिर भी मैं आत्मविश्वास से भरपूर था!
दिमाग बोले जा रहा था… तुम मेरी हो…. सुमन!
धीरे-धीरे दिन बीतते गए क्लास रूम में मेरी उस पर हर हरकत पर मेरी नजर रहती थी!
और हर एक लड़के पर भी कि कौन उसे देख रहा है, अब तक उसका नेचर जान चुका था,
बिल्कुल रंगीन, शालीन दुनिया से हटकर थी सकारात्मक विचारों वाली, न मोबाइल का शौक न internet की!
स्कूल वाला प्यार की इस मदोहोस में मेरा दिमाग खोया खोया सा रहने लगा हालांकि मैं थोड़ा शेयर मिजाज का था….
उसकी हरकत पर कभी कभी शायरी भी बोल दिया करता था और दोस्त भी वाह-वाह रपेट देते थे!
कुमार सानू और मोहम्मद रफी के गाने सुनने और गुनगुनाने की आदत सी हो गई थी!
लेकिन में अभी तक मैं अपनी दिल की बात न कह पाया था!
11th की वार्षिक परीक्षा खत्म हो गई 4 अपने चार सेक्शन में से 800 बच्चे में से अपने 20 में से मेरे सेशन के कुल मुझे लेकर कुल दो लड़के थे!
जिसमें मेरा 13 वाँँ और मेरे दोस्त का 18 वाँँ स्थान था!
जिससे मेरा स्टेटस बढ़ चुका था और क्लास रूम में सभी लोग थोड़ा इज्जत से देखते है!
टीचर हम दोनों के लिए ताली बजवाई मेरी नजरें बस उसी को निहार रही थी!
अब लोग मेरी ओर देखकर ताली बजा रहे थे इसी बीच मेरी नजरें सुमन से लड़ जाती और मेरा दिल जोर से धड़क उठता था!
“अब शायद वह भी मुझे नोटिस करने लगी थी मै उसे propose करना चाहता था!
मैंने यह बात अपनी एक छिछोरे दोस्त से कहा उसने कहा चल चलते हैं इंटरवेल हो चुका था वो क्लास रूम में अकेले ही बैठी थी यह अच्छा मौका था!
तभी उस दोस्त ने एक लड़की से कुछ कहा.. शायद कोई कमेंट बाजी कर रहा था वह लड़की खरी-खोटी सुनाकर आगे बढ़ गई!
फिर शाम को घर जाते वक्त हम दोनों मिले और आने वाली एग्जाम के लिए बेस्ट ऑफ लक कहा उसने भी मुझे ये भी कि दिमाग सिर्फ पढ़ाई पर लगाना!… मैं बगल में खड़ा था और वह खिड़की में से देख रही थी शायद उसे एहसास हो चुका था कि मैं उससे प्यार करता हूं!
वह स्कूल के गेट पर पहुंच चुकी थी मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था मैंने आवाज लगाई… सुमन रुको जरा!
यह सुनते ही सुमन ने अपने पांव वापस खींच लिये मैं जल्दी में लड़खड़ाते मैं उसके पास गया अब मैं निश्चय कर लिया था!
इस बार बोल कर रहूंगा वह गेट के पास खड़ी थी मैं उसके पास गया… करीब बिल्कुल करीब गया मैं पूरा शरीर कांप रहा था! मैं एक झटके में कह दिया हूं! मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं मेरी नजरे झुकी हुई थी!
मुझे उसकी जवाब का इंतजार था आखिरकार उसका जवाब आया…..मैं भी! हम शांत थे हम नजर से नजर नजर मिलाई… और कहां पूरा बोलो ना उसने कहा मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं!
यह सुनते ही ऐसा प्रतीत हुआ मानो मैं हवा में उड़ रहा हूँ, लग रहा था बहुत बड़ा बोझ हट गया है दिल से! जी कर रहा था कल से गले लगा लूं लेकिन कुछ लड़के आ रहे थे इसलिए ऐसा ना कर सका हम दोनों बहुत खुश थे! वह बस में बैठने के लिए जाने लगी आंखों के आंसू पोचतें…
क्या यह मिलन था… दो दिलों ❤️❤️का?? यह कैसा मिलन था,
जब एक दूसरे से मिलने की संभावनाएं धुंधली हों.. लेकिन हम संतुष्ट थे वह बस में बैठी खिड़की से निहार रही थी!
मैं चुपचाप खड़ा देख रहा था बस स्टार्ट होते ही मेरे आंख से आंसू आ गए…!
इस School Love Story को लास्ट तक पढ़ने के लिए धन्यवाद। यह School Love Story आपको कैसी लगी कमेंट करके बताये। आगे पढ़े : True Sad Love Story in Hindi | ट्रू सैड लव स्टोरी इन हिंदी